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Saturday, 25 April 2020

Poetry Reading - Awakened (self- written & published)

As a poet, I enjoy reading my poems to people. That’s how you become a part of my world and I become a part of yours. 
Enjoy listening to this poem about self- love, self - analysis and self - awareness written in 2018 and published in an anthology entitled ‘Unread’ by Platform for Artists in 2019. The anthology was launched in Mumbai by Taapsee Pannu, an Indian actor and entrepreneur. 
Do like, share and comment if you enjoyed this video poetry.


Thursday, 23 April 2020

Let me just look at you when you smile.
Let me listen to you while you confide. 
Let me just hug you like it’s the last time. 
Let me say all the things through silence. 
Let me drive you to faraway lands. 
Let me carry your emotional baggage.
Let me hold your hand.
Let me be at your side in moments of despair.
Let me just know when you need me,
I’ll be there.

Thursday, 16 April 2020

Covid 19 Times

वो भी दिन थे जब मैं सुबह उठते ही किसी नए शहर की गलियों में छोटा सा कैफे ढूंढती और फिर किसी कोने में जाकर या तो कोई किताब उठाती या फिर टिश्यू पेपर पर अपनी क़लम से कुछ दिल की बातों का बयाँ कर देती।
आजकल समॉं कुछ और ही है, एक महीना होने वाला है मैं हम सबकी तरह घर पर ही हूँ। समय की क़द्र बढ़ रही है और रिश्तों की परीक्षा हो रही है। सुबह का संगीत अब चिड़ियों का चहचहाना है इतना सुकून है सड़कों पर कि शहर में ही नदी के किनारे वाला एहसास है।
फल, सब्ज़ी और राशन की असली क़द्र हो रही है, जब पता चलता है सुपर मार्केट ख़ाली हो रहीं है और जब रवीश कुमार को NDTV पर रात 9 बजे सुनते हैं भुखमरी करोना से ख़तरनाक लगने लगती है।

रोंगटे खड़े होते हैं लोगों का विश्वास टूटते हुए देखकर पर फिर कुछ डॉक्टर नर्स सफाईकर्मी इनके जज़्बे की कहानी सुनकर एक शिक्षक के तौर पर बहुत कुछ सीखने को मिलता है कि जब तक यह जान है अपने कर्म करते जाना है।